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बी एस पी की राष्ट्रीय अध्यक्ष सुश्री मायावती जी ने सपा और बीजेपी दोनों पार्टियों पर साधा निशाना कहा कि केवल अम्बेडकर वादी बी एस पी की पार्टी की सरकार में ही निहित व सुरक्षित महसूस करती है जनता


 प्रेस विज्ञप्ति- दिनांक 09/02/2025प्रेस विज्ञप्ति- दिनांक 09/02/2025


#सपा_भी_मिल्कीपुर_उपचुनाव_में_अपनी_करारी_हार_का_जवाब_जनता_को_दे, क्योंकि पिछली बार सपा ने अपनी हार के लिए बी.एस.पी. को जिम्मेवार ठहराकर बचना चाहा था


(1) दिल्ली की जनता ने 'हवा चले जिधर की, चलो तुम उधर की' के तर्ज पर विधानसभा आमचुनाव में वोट देकर भाजपा की सरकार 27 वर्षों के बाद दिल्ली में बना दी है, तो केन्द्र की भाजपा सरकार का उत्तरदायित्व बनता है कि वह दिल्ली की लगभग दो करोड़ जनता से किए गए जनहित व जनकल्याण के तमाम वादों और गारण्टियों आदि को पूरी ईमानदारी व निष्ठा से जल्दी पूरा करे।


(2) भाजपा द्वारा वादा व गारण्टी निभाना जरूरी ताकि आम लोगों का जीवनबेहतर अर्थात् 'अच्छे दिन' वाला, दूसरे गरीब व मेहनतकश लोगों से, थोड़ा बेहतर ज़रूर हो सके और इस क्रम में सबसे पहले यमुना की सफाई तथा वायु प्रदूषण आदि से मुक्त करके दिल्ली को रहने योग्य स्वस्थ्य बनाये।


(3) सपा भी मिल्कीपुर उपचुनाव में अपनी करारी हार का जवाब जनता को दे, क्योंकि पिछली बार सपा ने अपनी हार के लिए बी.एस.पी. को जिम्मेवार ठहराकर बचना चाहा था : सुश्री मायावती जी।


लखनऊ, 9 फरवरी 2025, रविवार ने 'हवा चले जिधर की, चलो तुम उधर की' अब जबकि देश की राजधानी दिल्ली की जनता के तर्ज पर विधानसभा आमचुनाव में वोट देकर भाजपा की सरकार दिल्ली में बना दी है, तो केन्द्र की भाजपा सरकार का उत्तरदायित्व बनता है कि वह दिल्ली की लगभग दो करोड़ जनता से किए गए जनहित व जनकल्याण के तमाम वादों और गारण्टियों आदि को पूरी ईमानदारी व निष्ठा से जल्दी पूरा करे ताकि आम लोगों का जीवन थोड़ा बेहतर अर्थात् 'अच्छे दिन' वाला, दूसरे गरीब व मेहनतकश लोगों से, थोड़ा बेहतर ज़रूर हो सके और इस क्रम में सबसे पहले देश की राजधानी को रहने योग्य बेहतर बनायें।


बहुजन समाज पार्टी (बी.एस.पी.) की राष्ट्रीय अध्यक्ष, उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री व पूर्व सांसद सुश्री मायावती जी ने दिल्ली विधानसभा आमचुनाव का आये परिणाम पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए आगे कहा कि यह नतीजा, लगभग 27 वर्षों के लम्बे इंतजार के बाद, भाजपा के पक्ष में लगभग एकतरफा होने से बी.एस.पी. सहित दूसरी पार्टियों को काफी नुकसान सहना पड़ा है तो इसका एक प्रमुख कारण अब तक दिल्ली में सत्ता में रही स्वयं आप पार्टी की सरकार है।


वैसे अगर देखा जाए तो दिल्ली की आप पार्टी, भाजपा व उसकी केन्द्र सरकार के बीच हर स्तर पर लगातार जबरदस्त राजनीतिक द्वेष, संघर्ष, टकराव व तनाव आदि के कारण दिल्ली का अपेक्षित एवं समुचित विकास ठीक से नहीं हो पाया है, जिसका खामियाजा खासकर गरीब व मेहनतकश परिवारों एवं अप्रवासी लोगों को विभिन्न रूपों में बराबर उठाना पड़ा है। किन्तु अब केन्द्र सरकार की विशेष जिम्मेदारी बनती है कि लोगों से किए गए अनेकों वादों व गारण्टियों को पूरी ईमानदारी व निष्ठा के साथ पूरा करके सभी के दुःख-दर्द वनित्य दिन की परेशानियों को पूरी तन्मयता से दूर करे और सबसे बढ़कर यमुना की सफाई तथा वायु प्रदूषण आदि से मुक्त करके दिल्ली को रहने योग्य स्वस्थ्य बनाये।

(2)


जहाँ तक बी.एस.पी. का सवाल है तो खासकर अम्बेडकरवादी लोगों को निराशा होने की जरूरत नहीं है क्योंकि जग जाहिर तौर पर उनके आत्म-सम्मान व स्वाभिमान के सामाजिक व राजनीतिक संघर्ष को जातिवादी पार्टियाँ इतनी आसानी से कभी भी सफल नहीं होने देंगी, किन्तु परमपूज्य बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर के जीवन संघर्षों से प्रेरणा लेकर बी.एस.पी. के बैनर तले आगे बढ़ने का प्रयास पूरे तन, मन, धन से लगातार जारी रखना है तभी निश्चित तौर पर उत्तर प्रदेश की तरह इस मूवमेन्ट को सफलता जरूर मिलेगी और बहुत कुछ बदलेगा।


इसके अलावा, यूपी के मिल्कीपुर विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में समाजवादी पार्टी की अपनी सीट पर 61,710 वोटों से करारी हार भी जनता की नजर में इस हकीकत को लेकर है कि बी.एस.पी. द्वारा चुनावी गड़बड़ी सम्बंधी आवश्यक सुधार होने तक देश में कोई भी उपचुनाव नहीं लड़ने के फैसले के कारण इस सीट पर पार्टी का कोई उम्मीदवार नहीं होने के बावजूद सपा की इतनी शर्मनाक हार कैसे हुई? इस पर सपा के जवाब का लोगों को इंतजार है क्योंकि यूपी में पिछली बार हुए उपचुनाव में सपा ने अपनी पार्टी की हार की ठीकरा बी.एस.पी. के ऊपर टालने का राजनीतिक प्रयास किया था।


ऐसे में एक बार फिर सर्वसमाज के लोगों में भी खासकर यूपी के गरीबों, मजदूरों, दलितों, अन्य पिछड़ों तथा मुस्लिम एवं अन्य धार्मिक अल्पसंख्यकों से यही कहना है कि भाजपा, कांग्रेस व सपा आदि जातिवादी पार्टियाँ उनकी हितैषी नहीं बल्कि अधिकतर मामलों में शोषक हैं तथा इन सभी लोगों का हित केवल अम्बेडकरवादी बी.एस.पी. व पार्टी की सरकार में ही निहित व सुरक्षित रह सकता है। यूपी इसकी ख़ास मिसाल है।


जारीकर्ता :- बी.एस.पी. राज्य कार्यालय उ.प्र. 12 माल ऐवेन्यू, लखनऊ।


#सपा_भी_मिल्कीपुर_उपचुनाव_में_अपनी_करारी_हार_का_जवाब_जनता_को_दे, क्योंकि पिछली बार सपा ने अपनी हार के लिए बी.एस.पी. को जिम्मेवार ठहराकर बचना चाहा था


(1) दिल्ली की जनता ने 'हवा चले जिधर की, चलो तुम उधर की' के तर्ज पर विधानसभा आमचुनाव में वोट देकर भाजपा की सरकार 27 वर्षों के बाद दिल्ली में बना दी है, तो केन्द्र की भाजपा सरकार का उत्तरदायित्व बनता है कि वह दिल्ली की लगभग दो करोड़ जनता से किए गए जनहित व जनकल्याण के तमाम वादों और गारण्टियों आदि को पूरी ईमानदारी व निष्ठा से जल्दी पूरा करे।


(2) भाजपा द्वारा वादा व गारण्टी निभाना जरूरी ताकि आम लोगों का जीवनबेहतर अर्थात् 'अच्छे दिन' वाला, दूसरे गरीब व मेहनतकश लोगों से, थोड़ा बेहतर ज़रूर हो सके और इस क्रम में सबसे पहले यमुना की सफाई तथा वायु प्रदूषण आदि से मुक्त करके दिल्ली को रहने योग्य स्वस्थ्य बनाये।


(3) सपा भी मिल्कीपुर उपचुनाव में अपनी करारी हार का जवाब जनता को दे, क्योंकि पिछली बार सपा ने अपनी हार के लिए बी.एस.पी. को जिम्मेवार ठहराकर बचना चाहा था : सुश्री मायावती जी।


लखनऊ, 9 फरवरी 2025, रविवार ने 'हवा चले जिधर की, चलो तुम उधर की' अब जबकि देश की राजधानी दिल्ली की जनता के तर्ज पर विधानसभा आमचुनाव में वोट देकर भाजपा की सरकार दिल्ली में बना दी है, तो केन्द्र की भाजपा सरकार का उत्तरदायित्व बनता है कि वह दिल्ली की लगभग दो करोड़ जनता से किए गए जनहित व जनकल्याण के तमाम वादों और गारण्टियों आदि को पूरी ईमानदारी व निष्ठा से जल्दी पूरा करे ताकि आम लोगों का जीवन थोड़ा बेहतर अर्थात् 'अच्छे दिन' वाला, दूसरे गरीब व मेहनतकश लोगों से, थोड़ा बेहतर ज़रूर हो सके और इस क्रम में सबसे पहले देश की राजधानी को रहने योग्य बेहतर बनायें।


बहुजन समाज पार्टी (बी.एस.पी.) की राष्ट्रीय अध्यक्ष, उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री व पूर्व सांसद सुश्री मायावती जी ने दिल्ली विधानसभा आमचुनाव का आये परिणाम पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए आगे कहा कि यह नतीजा, लगभग 27 वर्षों के लम्बे इंतजार के बाद, भाजपा के पक्ष में लगभग एकतरफा होने से बी.एस.पी. सहित दूसरी पार्टियों को काफी नुकसान सहना पड़ा है तो इसका एक प्रमुख कारण अब तक दिल्ली में सत्ता में रही स्वयं आप पार्टी की सरकार है।


वैसे अगर देखा जाए तो दिल्ली की आप पार्टी, भाजपा व उसकी केन्द्र सरकार के बीच हर स्तर पर लगातार जबरदस्त राजनीतिक द्वेष, संघर्ष, टकराव व तनाव आदि के कारण दिल्ली का अपेक्षित एवं समुचित विकास ठीक से नहीं हो पाया है, जिसका खामियाजा खासकर गरीब व मेहनतकश परिवारों एवं अप्रवासी लोगों को विभिन्न रूपों में बराबर उठाना पड़ा है। किन्तु अब केन्द्र सरकार की विशेष जिम्मेदारी बनती है कि लोगों से किए गए अनेकों वादों व गारण्टियों को पूरी ईमानदारी व निष्ठा के साथ पूरा करके सभी के दुःख-दर्द वनित्य दिन की परेशानियों को पूरी तन्मयता से दूर करे और सबसे बढ़कर यमुना की सफाई तथा वायु प्रदूषण आदि से मुक्त करके दिल्ली को रहने योग्य स्वस्थ्य बनाये।

(2)


जहाँ तक बी.एस.पी. का सवाल है तो खासकर अम्बेडकरवादी लोगों को निराशा होने की जरूरत नहीं है क्योंकि जग जाहिर तौर पर उनके आत्म-सम्मान व स्वाभिमान के सामाजिक व राजनीतिक संघर्ष को जातिवादी पार्टियाँ इतनी आसानी से कभी भी सफल नहीं होने देंगी, किन्तु परमपूज्य बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर के जीवन संघर्षों से प्रेरणा लेकर बी.एस.पी. के बैनर तले आगे बढ़ने का प्रयास पूरे तन, मन, धन से लगातार जारी रखना है तभी निश्चित तौर पर उत्तर प्रदेश की तरह इस मूवमेन्ट को सफलता जरूर मिलेगी और बहुत कुछ बदलेगा।


इसके अलावा, यूपी के मिल्कीपुर विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में समाजवादी पार्टी की अपनी सीट पर 61,710 वोटों से करारी हार भी जनता की नजर में इस हकीकत को लेकर है कि बी.एस.पी. द्वारा चुनावी गड़बड़ी सम्बंधी आवश्यक सुधार होने तक देश में कोई भी उपचुनाव नहीं लड़ने के फैसले के कारण इस सीट पर पार्टी का कोई उम्मीदवार नहीं होने के बावजूद सपा की इतनी शर्मनाक हार कैसे हुई? इस पर सपा के जवाब का लोगों को इंतजार है क्योंकि यूपी में पिछली बार हुए उपचुनाव में सपा ने अपनी पार्टी की हार की ठीकरा बी.एस.पी. के ऊपर टालने का राजनीतिक प्रयास किया था।


ऐसे में एक बार फिर सर्वसमाज के लोगों में भी खासकर यूपी के गरीबों, मजदूरों, दलितों, अन्य पिछड़ों तथा मुस्लिम एवं अन्य धार्मिक अल्पसंख्यकों से यही कहना है कि भाजपा, कांग्रेस व सपा आदि जातिवादी पार्टियाँ उनकी हितैषी नहीं बल्कि अधिकतर मामलों में शोषक हैं तथा इन सभी लोगों का हित केवल अम्बेडकरवादी बी.एस.पी. व पार्टी की सरकार में ही निहित व सुरक्षित रह सकता है। यूपी इसकी ख़ास मिसाल है।


जारीकर्ता :- बी.एस.पी. राज्य कार्यालय उ.प्र. 12 माल ऐवेन्यू, लखनऊ।प्रेस विज्ञप्ति- दिनांक 09/02/2025


#सपा_भी_मिल्कीपुर_उपचुनाव_में_अपनी_करारी_हार_का_जवाब_जनता_को_दे, क्योंकि पिछली बार सपा ने अपनी हार के लिए बी.एस.पी. को जिम्मेवार ठहराकर बचना चाहा था


(1) दिल्ली की जनता ने 'हवा चले जिधर की, चलो तुम उधर की' के तर्ज पर विधानसभा आमचुनाव में वोट देकर भाजपा की सरकार 27 वर्षों के बाद दिल्ली में बना दी है, तो केन्द्र की भाजपा सरकार का उत्तरदायित्व बनता है कि वह दिल्ली की लगभग दो करोड़ जनता से किए गए जनहित व जनकल्याण के तमाम वादों और गारण्टियों आदि को पूरी ईमानदारी व निष्ठा से जल्दी पूरा करे।


(2) भाजपा द्वारा वादा व गारण्टी निभाना जरूरी ताकि आम लोगों का जीवनबेहतर अर्थात् 'अच्छे दिन' वाला, दूसरे गरीब व मेहनतकश लोगों से, थोड़ा बेहतर ज़रूर हो सके और इस क्रम में सबसे पहले यमुना की सफाई तथा वायु प्रदूषण आदि से मुक्त करके दिल्ली को रहने योग्य स्वस्थ्य बनाये।


(3) सपा भी मिल्कीपुर उपचुनाव में अपनी करारी हार का जवाब जनता को दे, क्योंकि पिछली बार सपा ने अपनी हार के लिए बी.एस.पी. को जिम्मेवार ठहराकर बचना चाहा था : सुश्री मायावती जी।


लखनऊ, 9 फरवरी 2025, रविवार ने 'हवा चले जिधर की, चलो तुम उधर की' अब जबकि देश की राजधानी दिल्ली की जनता के तर्ज पर विधानसभा आमचुनाव में वोट देकर भाजपा की सरकार दिल्ली में बना दी है, तो केन्द्र की भाजपा सरकार का उत्तरदायित्व बनता है कि वह दिल्ली की लगभग दो करोड़ जनता से किए गए जनहित व जनकल्याण के तमाम वादों और गारण्टियों आदि को पूरी ईमानदारी व निष्ठा से जल्दी पूरा करे ताकि आम लोगों का जीवन थोड़ा बेहतर अर्थात् 'अच्छे दिन' वाला, दूसरे गरीब व मेहनतकश लोगों से, थोड़ा बेहतर ज़रूर हो सके और इस क्रम में सबसे पहले देश की राजधानी को रहने योग्य बेहतर बनायें।


बहुजन समाज पार्टी (बी.एस.पी.) की राष्ट्रीय अध्यक्ष, उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री व पूर्व सांसद सुश्री मायावती जी ने दिल्ली विधानसभा आमचुनाव का आये परिणाम पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए आगे कहा कि यह नतीजा, लगभग 27 वर्षों के लम्बे इंतजार के बाद, भाजपा के पक्ष में लगभग एकतरफा होने से बी.एस.पी. सहित दूसरी पार्टियों को काफी नुकसान सहना पड़ा है तो इसका एक प्रमुख कारण अब तक दिल्ली में सत्ता में रही स्वयं आप पार्टी की सरकार है।


वैसे अगर देखा जाए तो दिल्ली की आप पार्टी, भाजपा व उसकी केन्द्र सरकार के बीच हर स्तर पर लगातार जबरदस्त राजनीतिक द्वेष, संघर्ष, टकराव व तनाव आदि के कारण दिल्ली का अपेक्षित एवं समुचित विकास ठीक से नहीं हो पाया है, जिसका खामियाजा खासकर गरीब व मेहनतकश परिवारों एवं अप्रवासी लोगों को विभिन्न रूपों में बराबर उठाना पड़ा है। किन्तु अब केन्द्र सरकार की विशेष जिम्मेदारी बनती है कि लोगों से किए गए अनेकों वादों व गारण्टियों को पूरी ईमानदारी व निष्ठा के साथ पूरा करके सभी के दुःख-दर्द वनित्य दिन की परेशानियों को पूरी तन्मयता से दूर करे और सबसे बढ़कर यमुना की सफाई तथा वायु प्रदूषण आदि से मुक्त करके दिल्ली को रहने योग्य स्वस्थ्य बनाये।

(2)


जहाँ तक बी.एस.पी. का सवाल है तो खासकर अम्बेडकरवादी लोगों को निराशा होने की जरूरत नहीं है क्योंकि जग जाहिर तौर पर उनके आत्म-सम्मान व स्वाभिमान के सामाजिक व राजनीतिक संघर्ष को जातिवादी पार्टियाँ इतनी आसानी से कभी भी सफल नहीं होने देंगी, किन्तु परमपूज्य बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर के जीवन संघर्षों से प्रेरणा लेकर बी.एस.पी. के बैनर तले आगे बढ़ने का प्रयास पूरे तन, मन, धन से लगातार जारी रखना है तभी निश्चित तौर पर उत्तर प्रदेश की तरह इस मूवमेन्ट को सफलता जरूर मिलेगी और बहुत कुछ बदलेगा।


इसके अलावा, यूपी के मिल्कीपुर विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में समाजवादी पार्टी की अपनी सीट पर 61,710 वोटों से करारी हार भी जनता की नजर में इस हकीकत को लेकर है कि बी.एस.पी. द्वारा चुनावी गड़बड़ी सम्बंधी आवश्यक सुधार होने तक देश में कोई भी उपचुनाव नहीं लड़ने के फैसले के कारण इस सीट पर पार्टी का कोई उम्मीदवार नहीं होने के बावजूद सपा की इतनी शर्मनाक हार कैसे हुई? इस पर सपा के जवाब का लोगों को इंतजार है क्योंकि यूपी में पिछली बार हुए उपचुनाव में सपा ने अपनी पार्टी की हार की ठीकरा बी.एस.पी. के ऊपर टालने का राजनीतिक प्रयास किया था।


ऐसे में एक बार फिर सर्वसमाज के लोगों में भी खासकर यूपी के गरीबों, मजदूरों, दलितों, अन्य पिछड़ों तथा मुस्लिम एवं अन्य धार्मिक अल्पसंख्यकों से यही कहना है कि भाजपा, कांग्रेस व सपा आदि जातिवादी पार्टियाँ उनकी हितैषी नहीं बल्कि अधिकतर मामलों में शोषक हैं तथा इन सभी लोगों का हित केवल अम्बेडकरवादी बी.एस.पी. व पार्टी की सरकार में ही निहित व सुरक्षित रह सकता है। यूपी इसकी ख़ास मिसाल है।


जारीकर्ता :- बी.एस.पी. राज्य कार्यालय उ.प्र. 12 माल ऐवेन्यू, लखनऊ।


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