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औरते लड़किया आगे आये और लीडरशिप को स्वीकारे

माता रमाबाई अम्बेडकर जयंती 

औरते आगे आये और लीडरशिप को स्वीकारे


मोहल्ला- महिंद्रा  एजेन्सी के पीछे नौसङ गोरखपुर में राष्ट्रीय अंबेडकर महासभा  के तत्वावधान में 127 वां माता रमाबाई  अम्बेडकर जयंती का  कार्यक्रम मनाया गया   राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष ओमकार धारिया की अध्यक्षता में कर्यक्रम   संपन्न हुआ कार्यक्रम के मुख्य अतिथि-मा.रामानुज राव एडवोकेट राष्ट्रीय विधि सलाहकार राष्ट्रीय अंबेडकर महासभा एवं विशिष्ट अतिथि मा.चंद्रिका प्रसाद भारती (एडवोकेट) राष्ट्रीय अध्यक्ष, राष्ट्रीय अंबेडकर महासभा, वक़्ता के रूप में आ.पुरुषोत्तम कुमार बौद्ध जिला अध्यक्ष, आ. सूर्या विश्वास जिला प्रभारी, कार्यक्रम के आयोजक आ. मनोज कुमार जिला कार्यकारी अध्यक्ष के गौरवमयी उपस्थिति में संपन्न हुआ। सर्वप्रथम मुख्य अतिथि रामानुज राव एडवोकेट विधि सलाहकार एवं विशिष्ट अतिथि चंद्रिका प्रसाद भारती एडवोकेट राष्ट्रीय अध्यक्ष ने माता रमाबाई के चित्र पर दीप प्रज्वलित कर माल्यार्पण  किया।  मुख्य अतिथि रामानुज राव एडवोकेट ने संबोधित करते हुए कहा कि रमाबाई अंबेडकर का जन्म ७ फरवरी, १८९८ को महाराष्ट्र के रत्नागिरी जिले के वणंदगाव में एक गरीब दलित परिवार में हुआ था। उनके पिता का नाम भीकू धुत्रे (वलंगकर) और माता का नाम रुक्मिणी था। रमाबाई के बचपन में ही उनकी माता का निधन हो गया और कुछ दिनों बाद उनके पिता का भी निधन हो गया। इसके बाद रमाबाई और उनके भाई-बहनों को उनके चाचा और मामा ने मुंबई में अपने साथ रखा। चंद्रिका  प्रसाद भारती एडवोकेट ने संबोधित करते हुए कहा कि रमाबाई का विवाह ९ वर्ष की आयु में वर्ष १९०६ को डॉ. भीमराव अंबेडकर से हुआ था। भीमराव की उम्र उस समय १४ वर्ष थी। तब वे पाँचवी कक्षा में पढ़ रहे थे। रमाबाई एक कर्तव्यपरायण, स्वाभिमानी, गंभीर और बुद्धिजीवी महिला थीं, जिन्होंने आर्थिक कठिनाइयों का सामना सुनियोजित ढंग से किया और घर-गृहस्थी को कुशलतापूर्वक चलाया । राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष ओमकार धारियां ने संबोधित करते हुए कहा कि रमाबाई का निधन २६ मई १९३५ को लंबी बीमारी के बाद हुआ था। बता दें कि जब उनका निधन हुआ, तब डॉ. भीमराव अंबेडकर और रमाबाई की शादी के २९ साल हुए थे। वहीं रमाबाई के जीवन पर कई किताबें लिखी जा चुकी हैं, जबकि उनके संघर्षमय जीवन पर नाटक और फिल्में भी बन चुकी हैं। कार्यक्रम में ओमकार धारियां,सूर्या विश्वास, मनोज कुमार, रंजीत कुमार, धीरेंद्र कुमार, पुरुषोत्तम कुमार बौद्ध,राजकुमार, सोनी राव आदि उपस्थित रहे।

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