ये है पीठासीन अधिकारियों की सच्चाई का स्टिंग ऑपरेशन जो सत्ताधारी के लिए फ़र्ज़ी मतदान का टार्गेट पूरा कर रहे हैं। इनके बूथों पर तुरंत चुनाव रद्द किया जाए और इन्हें प्रथमदृष्ट्या आडियो सबूतों के आधार पर निलंबित किया जाए और फिर उचित न्यायिक कार्रवाई के बाद बर्खास्त भी। अधिकारियों की चुनावी धांधली और हेराफेरी के ऐसे और भी वीडियो-आडियो आ रहे हैं। जब इनकी नौकरी जाएगी और समाज में बदनामी होगी शायद तब इनका ईमान और ज़मीर जागेगा। सरकार इनका इस्तेमाल करके अपना हाथ झाड़ लेगी, तब ये जेलों में होंगे और अपने समाज, परिवार और बच्चों की नज़र में अपमान की ज़िंदगी जीएंगे। हम उन सब ईमानदार और सच्चे अधिकारियों की प्रशंसा करते हैं, जिन्होंने भाजपा पार्टी ऑफ़िस से दिये गये ‘फ़र्ज़ी मतदान के टार्गेट’ को मानने से इंकार कर दिया है।
सर्वोच्च न्यायालय और निर्वाचन आयोग लोकतंत्र के ऐसे दुश्मनों का तत्काल संज्ञान ले।

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